नमस्कार,
कल मेरी एक कविता - अरे बाप रे, इत्ता पानी- कनाडा से निकालने वाले एक लोकप्रिय हिंदी दैनिक ` हिंदी टाइम्स ' में प्रकाशित हुई है | आजकल कम्बोज भाई ( श्री रामेश्वर कम्बोज `हिमांशु' जी ) कनाडा में ही है अपने बेटे के पास...| उन्होंने ही फ़ोन पर इस बात की सूचना भी दी, पत्र का लिंक भेजा और साथ ही मेरी कविता को jpg फॉर्मेट में परिवर्तित कर के भी भेज दिया | उनके इस निस्वार्थ सहयोग के लिए मै तहे-दिल से उनकी आभारी हूँ | आज के इस युग में जब हर कोई ईर्ष्या-द्वेष से भरा हुआ है, कम्बोज भाई जैसे लोग बहुत कम मिलते है | ये न केवल अपने समकालीन साथियों की मदद को हमेशा तैयार रहते है, बल्कि उन्होंने बहुत सी नई प्रतिभाओ को भी प्रोत्साहन दिया है |
तो आप भी मेरी यह कविता प्रकाशित रूप में देख कर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया दे...|
कल मेरी एक कविता - अरे बाप रे, इत्ता पानी- कनाडा से निकालने वाले एक लोकप्रिय हिंदी दैनिक ` हिंदी टाइम्स ' में प्रकाशित हुई है | आजकल कम्बोज भाई ( श्री रामेश्वर कम्बोज `हिमांशु' जी ) कनाडा में ही है अपने बेटे के पास...| उन्होंने ही फ़ोन पर इस बात की सूचना भी दी, पत्र का लिंक भेजा और साथ ही मेरी कविता को jpg फॉर्मेट में परिवर्तित कर के भी भेज दिया | उनके इस निस्वार्थ सहयोग के लिए मै तहे-दिल से उनकी आभारी हूँ | आज के इस युग में जब हर कोई ईर्ष्या-द्वेष से भरा हुआ है, कम्बोज भाई जैसे लोग बहुत कम मिलते है | ये न केवल अपने समकालीन साथियों की मदद को हमेशा तैयार रहते है, बल्कि उन्होंने बहुत सी नई प्रतिभाओ को भी प्रोत्साहन दिया है |
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