१) हम ज़िन्दगी में
बहुत कुछ करने की
योजना बनाते हैं
पर समय बीतने पर
सिर्फ़ राग अलापते हैं...|
२) रुको राम
सीता को वनवास देने से पहले
सोचो कि-
धोबी के कलंक से बचने का
तुम्हारा यह तरीका
क्या तुम्हें फिर कलंकित न करेगा...?
३) हम
दूसरों के पाँवों से चलकर
तय करना चाहते हैं
मीलों लम्बा सफ़र
पर,
थक जाते हैं जब वे पाँव
तब अलग कर देते हैं उन्हें
झटक देते हैं अपने से दूर
और फिर जुट जाते हैं
नए सिरे से
एक जोडी और
पाँवों की तलाश में...
४) शब्द
बहुत मानी रखते हैं
या फिर
बेमानी होते हैं शब्द
मौसम की तरह
रूप बदलते हैं- शब्द
कोई लडता है जब
कुरूप हो जाते हैं- शब्द
पर,
प्यार के मौसम में
अर्थ खो देते हैं-शब्द
पर फिर भी
कितने खूबसूरत हो जाते हैं- शब्द |
५) ज़िन्दगी और गुलाब
दोनो ही
खिलकर महकाते हैं
अपनी-अपनी बगिया को
और दोनो ही
जीने की कला सिखाते हैं
काँटों से भी बिंधकर
कैसे मुस्कराया जाता है
ज़िन्दगी और गुलाब
जाने से पहले
वक़्त की चौखट पर
इसी फ़िज़ा को छोड जाते हैं...|
६) दुःख के रेगिस्तान में
ज़िन्दगी को तलाशती
मेरी आँखें
ऐ मौत !
मुझे तेरी तलाश तो न थी...।
आज 19- 07- 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
ReplyDelete...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
____________________________________
बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteसभी लाजवाब....
ReplyDeleteहम
ReplyDeleteदूसरों के पाँवों से चलकर
तय करना चाहते हैं
मीलों लम्बा सफ़र
पर,
थक जाते हैं जब वे पाँव
तब अलग कर देते हैं उन्हें
झटक देते हैं अपने से दूर
और फिर जुट जाते हैं
नए सिरे से
एक जोडी और
पाँवों की तलाश में..बहुत खूबसूरत पर बिल्कुल सही एक कड़वे सत्य की तरह :)
बहुत अच्छा लगा आपके ब्लॉग में आकार जिंदगी की हकिकात से रूबरू करवाती खूबसूरत बातें |
सार्थक और खुबसूरत क्षणिकाएँ...
ReplyDeleteप्रत्येक क्षणिका भाव-प्रधान है.अपनी बात को कहने का नया ही अंदाज है.
ReplyDeleteबहुत सुंदर क्षणिकाएं।
ReplyDelete"बहुत मानी रखते हैं
ReplyDeleteशब्द
...
कितने खूबसूरत हो जाते हैं- शब्द"
प्रेरक क्षणिकाएं
आकर्षक क्षणिकाएं
ReplyDeleteएक से बढ़कर एक सुंदर और संदेशप्रदान करती रचनायें
ReplyDeleteबहुत सुंदर क्षणिकाएं।
ReplyDeleteजीने की कला सिखाते हैं
ReplyDeleteकाँटों से भी बिंधकर
कैसे मुस्कराया जाता है
ज़िन्दगी और गुलाब
जाने से पहले
वक़्त की चौखट पर
इसी फ़िज़ा को छोड जाते हैं...
sunder ati sunder
rachana
हम ज़िन्दगी में
ReplyDeleteबहुत कुछ करने की
योजना बनाते हैं
पर समय बीतने पर
सिर्फ़ राग अलापते हैं...|
बिल्कुल सच कहा आपने...
समय की कीमत हम नहीं समझ पाते
सभी क्षणिकाएँ सत्य के क़रीब हैं|
सभी क्षणिकाएँ बहुत सुन्दर हैं!
ReplyDelete