tag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post9048971295682171800..comments2023-07-03T08:34:43.757-07:00Comments on काथम: सोनचिरैया की उडानप्रेम गुप्ता `मानी' http://www.blogger.com/profile/03031758649360861323noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-48544469870996126962011-04-24T20:06:58.065-07:002011-04-24T20:06:58.065-07:00:):)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-7335519515274026132011-04-23T11:41:54.353-07:002011-04-23T11:41:54.353-07:00चीड़ के पत्तों के बीच उगा अंधेरा
और बड़ा होता जा र...चीड़ के पत्तों के बीच उगा अंधेरा<br />और बड़ा होता जा रहा है<br />विकराल गिद्ध ने<br /> उसके चारो ओर<br />अपने डैने फैला लिए हैं<br /> कैसे कहूँ<br />तुम्हारे भीतर बैठी<br />वह काली खुंखार-जंगली बिल्ली<br />पैने पंजों से मिट्टी खुरचती<br />sunder likha hai shabd aur bhavon ka kya kahna<br />rachanaमेरा साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09177331730604295287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-16525073344359834792011-04-23T06:30:51.943-07:002011-04-23T06:30:51.943-07:00जंगल जलेबी सा मीठा चाँद
छटपटा रहा...जंगल जलेबी सा मीठा चाँद<br /> छटपटा रहा है<br /> सोनचिरैया नहीं जानती<br /> अपने आकांक्षित सपने की उडान<br /> पर फिर भी<br /> एक सपना उसकी मुंदी आँखों से झर रहा है<br /> झर-झर करते ठंडे झरने की तरह<br /> किसी दिन<br /> यह काली बिल्ली हटेगी<br /> और तब<br /> वह अपने नए पंख के साथ<br /> उड़ेगी<br /> खुले आकाश में सूरज के साथ<br /><br />क्या कहूं, पहली बार ब्लॉग पर हूं और इतनी सुंदर रचना पढ़ने को मिली...<br />ख्वाब होंगे तो सच भी होंगे..जीने के लिए आत्म विश्वास बहुत जरूरी है...<br />फॉलो भी कर रही हूं आप भी जरूर आइए...वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-9494442632724231092011-04-23T00:44:46.623-07:002011-04-23T00:44:46.623-07:00शानदार......
यह रचना बहुत अच्छी लगी। कृपया बधाई स्...शानदार......<br />यह रचना बहुत अच्छी लगी। कृपया बधाई स्वीकार करें।Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-61793194562623013942011-04-23T00:39:28.078-07:002011-04-23T00:39:28.078-07:00sundar!sundar!अपर्णाhttps://www.blogger.com/profile/13934128996394669998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-90042419865766592062011-04-22T23:10:39.152-07:002011-04-22T23:10:39.152-07:00बहुत ही उम्दा प्रस्तुति……………बहुत पसन्द आई।बहुत ही उम्दा प्रस्तुति……………बहुत पसन्द आई।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-32722939642957809442011-04-22T23:01:34.367-07:002011-04-22T23:01:34.367-07:00सोनचिरैया की सफल उड़ान के लिये हमारी भी हार्दिक शुभ...सोनचिरैया की सफल उड़ान के लिये हमारी भी हार्दिक शुभकामनायें हैं ! आसमान में गिद्ध और ज़मीन पर काली बिल्ली घात लगाए बैठी है ! ईश्वर उसकी इन विपदाओं से रक्षा करें यही कामना है ! बहुत सुन्दर रचना है ! बधाई स्वीकार करें !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-9403550353219037382011-04-22T22:04:59.649-07:002011-04-22T22:04:59.649-07:00उम्मीद जगाते भाव .........उम्मीद जगाते भाव .........निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-30199681231225222992011-04-22T21:51:41.934-07:002011-04-22T21:51:41.934-07:00किसी दिन
यह काली बिल्ली हटेगी
और तब
वह अपने नए पंख...किसी दिन<br />यह काली बिल्ली हटेगी<br />और तब<br />वह अपने नए पंख के साथ<br />उड़ेगी<br />खुले आकाश में सूरज के साथ<br /><br /><br />संवेदनाओं से भरी बहुत सुन्दर कविता...<br />चर्चामंच से लिंक मिली...पहली बार आना हुआ...<br />यहां आ कर सुखद लगा...<br /><br />आपकी कविता मन को छूने में सक्षम है....बधाई और शुभकामनाएं |Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-68691321665038195492011-04-22T20:18:36.278-07:002011-04-22T20:18:36.278-07:00मानी बहन बहुत भावप्रवण और मँजी हुई कविता है , एकदम...मानी बहन बहुत भावप्रवण और मँजी हुई कविता है , एकदम लाज़वाब !हार्दिक बधाई ऐसे सार्थ्क रचनाक्रम के लिए ।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-59914534705221357672011-04-22T18:58:47.682-07:002011-04-22T18:58:47.682-07:00बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-53613722391158564292011-04-22T18:55:11.101-07:002011-04-22T18:55:11.101-07:00आशा रखिये ...
इंतज़ार के दीप जलाये रखिये ....
वो स...आशा रखिये ...<br />इंतज़ार के दीप जलाये रखिये ....<br />वो सुबह ज़रूर आयेगी ....<br />सुंदर रचना .Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.com