tag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post2862288272202693704..comments2023-07-03T08:34:43.757-07:00Comments on काथम: रूठा-रूठा वसन्त हैप्रेम गुप्ता `मानी' http://www.blogger.com/profile/03031758649360861323noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-64846645555975096262011-04-19T08:04:34.206-07:002011-04-19T08:04:34.206-07:00मेरे बच्चों की आँखों में
कोई भी ...मेरे बच्चों की आँखों में<br /> कोई भी जगह खाली नहीं<br /> उसमें तो भरी है<br /> बमों के धमाकों की दहशत...<br /> कब कोई धमाका<br /> घर का कोना खाली कर दे<br /> वसन्त आए भी तो कैसे?<br /> चिमनियों से निकलते काले धुएं ने<br /> पूरी दुनिया को घेर रखा है<br /> वसन्त दुविधा में है<br />बहुत ही सारगर्भित और सुंदर कविता बधाई और शुभकामनाएं |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-82261683321398556672011-04-19T06:26:24.907-07:002011-04-19T06:26:24.907-07:00bhut hi sunder rachna hai...bhut hi sunder rachna hai...विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-61099553466489731562011-04-15T00:38:53.221-07:002011-04-15T00:38:53.221-07:00आज के माहौल का सजीव चित्रण ...मार्मिक प्रस्तुतिआज के माहौल का सजीव चित्रण ...मार्मिक प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com