tag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post8296027459647785050..comments2023-07-03T08:34:43.757-07:00Comments on काथम: प्रेम गुप्ता `मानी' http://www.blogger.com/profile/03031758649360861323noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-72588347447456541652011-10-30T22:11:06.563-07:002011-10-30T22:11:06.563-07:00खूबसूरत रचना। बेटी को आशीर्वाद।खूबसूरत रचना। बेटी को आशीर्वाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-77262751776055865462011-10-08T05:41:54.849-07:002011-10-08T05:41:54.849-07:00मेरा डूबता हुआ जीवन
उसके ख़ूबसूरत...मेरा डूबता हुआ जीवन<br /> उसके ख़ूबसूरत चेहरे पर<br /> ज़ुल्फ़ों के घने अंधेरे के बीच भी<br /> चाँद की तरह मुस्करा रहा है<br /> और मेरा बचपन<br /> उसकी आँखों की झील में<br /> एक सुनहरा सपना बन कर<br /> डोल रहा है।..<br />sach jab bache apni jindagi mein aa jaate hai to phir unmein hi apni jindagi dikhti hai ..ham unke liye hi to jeene ke aadi ho jaate hai..<br />sundar mamtamayee prastututi padhkar man ko bahut ahha laga..<br />haardik shubhkamnayen!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-38087801858099512952011-10-06T13:57:02.775-07:002011-10-06T13:57:02.775-07:00मानी जी ,
बहुत सुन्दर कविता है बेटी के लिए ....
मा...मानी जी ,<br />बहुत सुन्दर कविता है बेटी के लिए ....<br />माँ के आँगन <br />फूलों जैसी बिटिया <br />दिव्य सर्जना <br />इस कविता में माँ ममता का सुन्दर चित्रण है ....माँ के लिए बेटी ... दुनिया में सबसे उत्तम है ...यही तो .....<br />सूर्य उजाला <br />सुबह की आरती <br />लाडो बिटिया <br />आपकी यह कविता मन में नई तरंगों की हलचल छेड़ गई |<br />हरदीपShabad shabad https://www.blogger.com/profile/09078423307831456810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-36537693674186895432011-10-06T13:56:47.199-07:002011-10-06T13:56:47.199-07:00मानी जी ,
बहुत सुन्दर कविता है बेटी के लिए ....
मा...मानी जी ,<br />बहुत सुन्दर कविता है बेटी के लिए ....<br />माँ के आँगन <br />फूलों जैसी बिटिया <br />दिव्य सर्जना <br />इस कविता में माँ ममता का सुन्दर चित्रण है ....माँ के लिए बेटी ... दुनिया में सबसे उत्तम है ...यही तो .....<br />सूर्य उजाला <br />सुबह की आरती <br />लाडो बिटिया <br />आपकी यह कविता मन में नई तरंगों की हलचल छेड़ गई |<br />हरदीपShabad shabad https://www.blogger.com/profile/09078423307831456810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-26738989746571310612011-10-03T08:37:27.854-07:002011-10-03T08:37:27.854-07:00बेटी के लिए इससे बेहतर तोहफा और क्या होगा?
और ये प...बेटी के लिए इससे बेहतर तोहफा और क्या होगा?<br />और ये प्रियंका जी(शायद उन्ही के लिए लिखा गया है) को कितना पसंद आया होगा, अनुमान लगा सकता हूँ!! :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-39854616702337147652011-10-03T08:29:56.136-07:002011-10-03T08:29:56.136-07:00वह उगते हुए सूरज का
एक ऐसा अक्स है
जो पूरी दुनिया ...वह उगते हुए सूरज का<br />एक ऐसा अक्स है<br />जो पूरी दुनिया को रौशन करता है<br /><br />aapki beti hai hi aesi <br />sunder kavita bahut bahut badhai<br />rachanaRachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-11304474021675876392011-10-02T14:21:47.916-07:002011-10-02T14:21:47.916-07:00बहन मानी जी आपने इस कविता में अपना पूरा व्यक्तित्व...बहन मानी जी आपने इस कविता में अपना पूरा व्यक्तित्व रचा बसा दिया है । कारण बेटी माँ का ही प्रतिरूप है ।मैं तो बेटी को इस दुनिया की सबसे बड़ी नियामत मानता हूँ। मेरे लिए तो बेटी वेद की ॠचा है , साम गान है ; जिसका स्वर सृष्टि के अन्त तक भी कायम रहता है ।<br />भगवान का भजन न कर पाऊँ तो किसी को बेटी कहकर आवाज़ दे दूँ ; आरती का पुण्य मिला महसूस करता हूँ । आपकी कविता मन -वीणा के तारों ओ झ्गंकृत कर गईसहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-59383824815906652732011-10-02T02:19:06.383-07:002011-10-02T02:19:06.383-07:00मुझे तो अपनी बेटी के लिए
बस यही उपमा ठीक लगती है क...मुझे तो अपनी बेटी के लिए<br />बस यही उपमा ठीक लगती है कि<br />वह उगते हुए सूरज का<br />एक ऐसा अक्स है<br />जो पूरी दुनिया को रौशन करता है<br /><br />सार्थक अभिव्यक्ति...बधाई और शुभकामनाएँ|ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-44121869979878851182011-09-30T00:13:25.778-07:002011-09-30T00:13:25.778-07:00बहुत सुन्दरबहुत सुन्दरचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-10147150582736751892011-09-29T19:36:25.115-07:002011-09-29T19:36:25.115-07:00सुन्दर रचना....सुन्दर रचना....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6400730260343008736.post-13338528000078820322011-09-29T07:34:13.268-07:002011-09-29T07:34:13.268-07:00बहुत अच्छी प्रस्तुति!बहुत अच्छी प्रस्तुति!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com